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मनुष्य का शरीर खरबों कोशिकाओं यानि सेल्स से बना है और यह स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं जो कि एक तरह की सामान्य प्रक्रिया है जिसमे शरीर का नियंत्रण रहता है।

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


 

मनुष्य का शरीर खरबों कोशिकाओं यानि सेल्स से बना है और यह स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं जो कि एक तरह की सामान्य प्रक्रिया है जिसमे शरीर का नियंत्रण रहता है। लेकिन कैंसर में ये कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होकर बढ़ने से हमारे शरीर को एक असामान्य और खतरनाक स्थिति उत्पन्न करती है। उक्त बातें आj दिनांक 25 जुलाई 2024 को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान,गीता वाटिका, गोरखपुर, के कैंसर रोग चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने नेहरू कन्या इंटर कॉलेज, बिछिया रेलवे कॉलोनी, गोरखपुर के कैम्पस मे की। इसमें उन्होंने उपस्थित छात्राओं एवं शिक्षकों को समाज के दुर्दांत रोग कैंसर के विषय में जागरूक करते हुए कैंसर के लक्षण, जांच, कैंसर मरीज की देखभाल एवं समय से तुरंत इलाज के बारे में जानकारी दी। उन्होनें विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर के लिए बच्चों को एच० पी० वी० का टीका लगाने की सलाह दी तथा स्तन कैंसर के जांच की स्वयं तकनीक बताई जिसे उपस्थित लोगों ने विशेष रुचि दिखाई।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस संगोष्ठी के आयोजक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर होने के बावजूद न केवल जीवित रहना संभव है, बल्कि पनपना और फिर से एक स्वस्थ, अद्भुत जीवन जीना भी संभव है। जीवन 10% इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे साथ क्या होता है और 90% इस पर निर्भर करता है कि हम इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। कैंसर सिर्फ धूम्रपान, शराब, गुटका आदि का उपयोग करने वालों को ही नही होता बल्कि, अक्सर देखा गया है कि लोग प्लास्टिक की थैलियों में दुकान से गर्म चाय गरम सब्जी या अन्य समान मंगवाते हैं और वो ही खा या पी लेते हैं। प्लास्टिक में गरम खाना व प्लास्टिक की बॉटल में पानी पीने से, उसमें से निकलने वाले केमिकल के कारण वो ही धीरे धीरे उनके पेट के आंतड़ियों में केन्सर बनाता है। अत: आप सभी से नम्र निवेदन है कि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, जहाँ तक हो सके प्लास्टिक के बर्तन में गरम खाना ना खायें, प्लास्टिक की बॉटल में पानी का उपयोग ना करें। विशेषकर गर्म चाय-कॉफी प्लास्टिक कप में ना पियें क्योंकि कैंसर खराब आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे परिवर्तनीय जोखिम कारकों से भी जुड़े होते हैं। अगर हम उचित देखभाल करें तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। कैंसर के कारण, प्रकार एवं उससे बचने के उपाय के बारे में जानने के प्रति लोगों ने विशेष रुचि दिखाई और कई छात्राओं तथा शिक्षकों ने कैंसर के बारे में अपने कई प्रश्नों के समुचित उत्तर पाकर खुश हुए। सभी को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे और लोगों को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें। 

इस अभियान के आयोजन में स्कूल की प्रधानाचार्या रिचा श्रीवास्तव, सत्यवती तिवारी, सुनील मिश्र, विद्यालय के अन्य कर्मचारियों एवं शिक्षकों आदि का विशेष सराहनीय योगदान रहा।

 

 

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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