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मुख्य चिकित्सा अधिकारी- सन्त कबीर नगर के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , खलीलाबाद, सन्त कबीर नगर के प्रांगण में आज दिनांक 3 अगस्त 2024 दिन शनिवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


मुख्य चिकित्सा अधिकारी- सन्त कबीर नगर के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , खलीलाबाद, सन्त कबीर नगर के प्रांगण में आज दिनांक 3 अगस्त 2024 दिन शनिवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। व्यापक ऊमस होने के बावजूद इस शिविर में दिखाने आए 149 मरीजों ने कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी से कैंसर संबंधित लक्षण की जांच कराई, परामर्श लिया तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया। यहां दिखाने आए मरीजों में मुंह, जीभ, स्तन, बच्चेदानी, पाचन आदि की समस्या वाले लोग ज्यादा आए।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित संगिनी एवं आशा कार्यकर्ताओं को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत उनको कैंसर के लक्षण का प्रशिक्षण तथा उसके इलाज के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर असामान्य कोशिका की वृद्धि की वजह से होता है जो आम तौर पर शरीर के किसी एक हिस्से में उत्पन्न होकर दूसरी जगह फैल जाता है यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो कई प्रकार के कैंसर हो जाते हैं। लाखों लोगों को हर साल इस घातक बीमारी का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग इससे मुकाबला करते हैं जबकि कुछ लोग इसके आगे हार मान जाते हैं। अतः कैंसर के आगे कभी डरें नहीं बल्कि डटकर इसका दवा करें। शिविर प्रशासक अजय श्रीवास्तव ने कैंसर रोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ल्यूकेमिया अस्थि मज्जा सहित रक्त बनाने वाले ऊतकों का कैंसर है। इसके कई प्रकार मौजूद हैं जैसे क्रोनिक ल्यूकेमिया जो आमतौर पर धीमी गति से बढ़ने वाला प्रकार है और इसका कोई लक्षण नहीं होता है। ल्यूकेमिया का तेजी से बढ़ने वाला प्रकार जिसे एक्यूट ल्यूकेमिया कहा जाता है, ऐसे लक्षण पैदा कर सकता है जिनमें थकान, वजन कम होना, बार-बार संक्रमण और आसानी से रक्तस्राव या चोट लगना शामिल है। उपचार अत्यधिक परिवर्तनशील है. धीमी गति से बढ़ने वाले ल्यूकेमिया के लिए, उपचार में लगातार और बार-बार निगरानी शामिल हो सकती है। आक्रामक ल्यूकेमिया के लिए, उपचार में कीमोथेरेपी शामिल होती है जिसके बाद कभी-कभी विकिरण और स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया जाता है।

अस्पताल एवं प्रशिक्षण में आए सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका, फ्लिपबुक, पोस्टर, लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि वितरित किया गया ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर और लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वरुणेश दुबे, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. इश्तियाक अहमद, अजय श्रीवास्तव, महेंद्र तिवारी, सत्यवती तिवारी, अभय त्रिपाठी, सुनील मिश्र, इश्रावती, रामसूरत सिंह नारद मुनि, स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य सराहनीय रहा।

 

  

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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