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कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सामान्य कैंसर के स्क्रीनिंग शिविरों से सबसे अधिक लागत प्रभावी दृष्टिकोण मिलेगा और उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सामान्य कैंसर के स्क्रीनिंग शिविरों से सबसे अधिक लागत प्रभावी दृष्टिकोण मिलेगा और उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा *मुख्य चिकित्सा अधिकारी- महराजगंज* के सहयोग से *सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , लक्ष्मीपुर, महराजगंज के प्रांगण में आज दिनांक 10 मई 2024 दिन शुक्रवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक** एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में दिखाने आए 113 लोगों ने कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी से कैंसर संबंधित लक्षण की जांच कराई, परामर्श लिया तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया। 

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई कि सर्वाइकल कैंसर भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में नंबर एक कैंसर है। स्तन कैंसर बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी के साथ-साथ सामर्थ्य की कमी और शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण अभी भी 50% से 70% मरीज उन्नत चरण में मौजूद हैं। भारत में मौखिक कैंसर की उच्च घटना पान (तंबाकू के साथ या बिना) चबाने, धूम्रपान और शराब के उच्च प्रसार के कारण है। ग्रामीण भारत में कैंसर के इस उच्च प्रसार का कारण लोगों में जागरूकता की कमी, स्वयं की उपेक्षा और देर से प्रस्तुति, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जागरूकता की कमी और प्रारंभिक निदान के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी, वैकल्पिक प्रणालियों और नीम-हकीमों का प्रचलन है। जिन्हें कैंसर और इसके प्रबंधन, प्रचलित तम्बाकू, धूम्रपान और शराब के उपयोग, गरीबी और संसाधन की कमी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में, कई लोग कैंसर को संक्रामक संक्रामक रोग मानते हैं और इसे परिवार के लिए वर्जित मानते हैं जिससे अलगाव होता है। कैंसर केंद्र से निवास की दूरी भी कैंसर रोगियों में देर से प्रस्तुति और खराब जीवित रहने के लिए जिम्मेदार है। ग्रामीण इलाकों में युवाओं के बीच तंबाकू की लत आग में घी डालने का काम करती है, जो भारतीय आबादी में मौखिक घातकता के प्रमुख कारण के लिए जिम्मेदार है। इसलिए कैंसर होने के थोड़े से भी शक होने पर तुरंत एक कैंसर चिकित्सक को दिखाकर दूर करे। कैंसर न हो तो बहुत अच्छा और हो भी तो तुरंत समय से उसका ईलाज हो जाए।

कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान न करने, बीवी, बच्चों आदि के सामने धूम्रपान न करने की सलाह दी गई। तम्बाकू और शराब के सेवन से भी मुंह के कैंसर से कोई ग्रसित हो जाता है। इसलिए इनका सेवन कतई नहीं करना चाहिए। माता-पिता को संतुलित आहार लेने, जंक फूड आदि न करने तथा हरी पत्तेदार सब्जियां खाने को बताए जिससे स्वस्थ जीवन शैली बनी रहे। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

 शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार शुक्ला, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, सत्यवती तिवारी, देवेंद्र यादव, अंकित पांडेय , नारद मुनि, स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा।

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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