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दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मंगलवार को हिंदी दिवस सप्ताह के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट जनों का स्वागत विभाग के छात्र छात्रओं द्वारा किया गया।

इस खबर के स्पोंसर है सॉफ्टनिक इंडिया, शाही मार्केट, गोलघर, गोरखपुर


दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मंगलवार को हिंदी दिवस सप्ताह के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट जनों का स्वागत विभाग के छात्र छात्रओं द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम के अध्यक्ष *प्रो. अनिल राय* ने कहा कि आज हमारे देश में निम्न एवं उच्च वर्गीय परिवारों में अंग्रेजी भाषा को लेकर जो वर्चस्व दिख रहा है उससे कई ज्यादा आत्मीयता हिंदी भाषा के साथ दिखाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिंदी को अपनी अनुवाद करने की ताकत को बढ़ाकर विश्व पटल पर उतरना चाहिए जिससे दुनिया का कोई भी साहित्य लिखा जाए तो सबसे पहले उसका हिंदी भाषा में हो। 

कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के क्षात्रों ने भाषण एवं कविता प्रस्तुत किया ।

प्रो. प्रत्युष ने कहा हिंदी विभाग भाषा और साहित्य का विभाग है। आज हम हिंदी के अमृतकाल में है ।

उन्होंने ने कहा कि हिंदी भाषा के साथ साथ हमे अपनी मातृभाषा को जीवित रखना है । मातृभाषा हमारी संस्कृति , सभ्यता और परम्परा की पहचान है।

प्रो. दीपक त्याग ने कहा यह दिवस हमे हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के मूल्यांकन का बोध कराता है।

कार्यक्रम का संचालन कर रही हिंदी शोध की छात्रा सोनी ने कहा कि कविता एक ऐसा माध्यम है जिसमे कवि अपनी तुकबन्दी , छंद , लय और भाषा का ऐसा प्रयोग करता है जो पाठक को झकझोर देता है ।

कार्यक्रम में हिंदी एवं पत्रकारिता के शिक्षकों सहित विभाग के छात्र उपस्थित रहें।

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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)

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