- by Mahtab Alam
- 2025-07-05 17:41:18
स्वदेशी इनक्रेडिबल न्यूज़
गोरखपुर 29 जून इमामबाड़ा 350 से भी अधिक वर्षों से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करता आ रहा है। यह अकीदत व एकता का ऐसा केंद्र हैं, जहां हर धर्म, जाति के लोग पहुंचते हैं। देश में इसकी पहचान सुन्नी संप्रदाय के सबसे बड़े इमामबाड़े के तौर पर है। 18वीं सदी के सूफी संत सैयद रोशन अली शाह का फैज बंटता है। लोगों की ऐसी आस्था है कि यहां हर मजहब के मानने वालों की दिली मुरादें पूरी होती हैं। भारतीय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय महासचिव,शहाब हुसैन व तीसरी आंख के राष्ट्रीय महासचिव शैलेंद्र मिश्रा जी के संयुक्त नेतृत्व में एक दल इमामबाड़ा स्टे्ट में सज्जादानशीन अदनान फारूक अली शाह से भेंट की और उनसे मुहर्रम की 5वीं तारीख के जलूस के बारे में विस्तृत जानकारी ली व मुल्क के अमन चैन की दुआ की। जानकारों ने बताया कि इमामबाड़ा सन 1717 में बना था ।इस रियासत के मियां साहब इमामबाड़ा के छठवें सज्जादानशीन अदनान फर्रुख अली शाह उर्फ मियां साहब ने बताया कि रोशन अली शाह करीब सन् 1707 में गोरखपुर आए थे। उन्होंने 1717 में इमामबाड़ा तामीर किया। अवध में नवाब आसिफ-उद्दौला का दौर था। इस दौरान उन्होंने रौशन अली शाह को 15 गांवों की जागीर दी। एक मशहूर धूनी वाक्ये के दौरान नवाब आसफ-उद्दौला रौशन अली शाह की बुजुर्गी के कायल हुए। रौशन अली शाह से उनके लिए कुछ करने की की इजाजत चाही। जिसमे रौशन अली ने नवाब से इमामबाड़े की विस्तृत(पूरी) तामीर के लिए कहा जिसे नवाब ने माना और इमामबाड़ा और तामीर करवाया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शैलेंद्र मिश्रा जी(तीसरी आँख मानवाधिकार संगठन) इंडियन ह्यूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव शहाब हुसैन,संरक्षक अरशद जमाल समानी,पदाधिकारी एडवोकेट फैयाज़ अहमद,एडवोकेट दीप मित्रम, एडवोकेट आरिफ़ खान,फरहान अहमद, मीडिया सेल के मु०अब्दुल्लाह,सरफ़राज़ अहमद आदि रहे। अंत मे संगठन के महासचिव शहाब हुसैन ने अपने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त की मुख्यतः इस रियासद के सद्र अदनान फारुख अली शाह(मियां साहब) अयान अली शाह, इमामबाड़ा मुतवल्ली कमेटी की जिला अध्यक्ष सय्यद इरशाद अहमद,महासचिव सोहराब खान,सेकेट्री मंज़ूर अहमद,सय्यद शहाब अहमद, शकील शाही, अहमद,फ़िरोज़ अहमद आदि सभी की दिलसे शुक्रिया अदा किया।
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Er. Shakti Shankar Singh (Chief Editor)